मै निकल पड़ा हूँ .....
मै निकल पड़ा हूँ उस पथ पर ,
जिस पथ शोले उगलते अँगारे है ||
पर लिए हौसला बुलंदियाँ छुने का,
अब मुझे बढ़ते रहना है हर हालो मे ||
भूख गरिबि दरिद्रता से पेच लड़ा अब,
लड़ने चला हूँ उन्ही गलियारो मे ||
पद लोलुप्ता का मोह नहीँ मन मे
नेकी करने चला हूँ हर घर-द्वारे मे | |
दिखे शेर सा सुन्दर हो मोर सा,
भारत मढ़ने चला हूँ खेत-खलियानो मे||
!!*!!* जय हिन्द*!!*!! वन्दे मातरम् *!!*!!
~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"
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सोमवार, 9 जून 2014
मै निकल पड़ा हूँ .....
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