कल ही हैदराबाद के सरूर नगर में स्थित साईंबाबा मंदिर चलाने वाले एक प्रतिनिधि ने श्री स्वरूपानंद जी के टिपण्णी के विरुद्ध पुलिस में सिकायत दर्ज करवाई। उनका कहना है कि संकराचार्य ने अपनी टिप्पणियों से उनकी धार्मिक भावना को आहत की है।
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अरे पुजारी जी जब आपके साईं मंदिरों अथवा किसी उत्सव में हमारे पूज्य देवी देवताओं को साईंबाबा के नीचे का स्थान दिया जाता है तो क्या हमारी धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होतीं ?
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अब मित्रों आप ही बताओ कि कोई बाबा अथवा फकीर, भगवान को अपने हृदय में स्थान देता है अथवा कदमों में ???
!!*!! जय हिन्द !!*!! जय भारत !!*!!
~~~ अंगिरा प्रसाद मौर्या ।
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