गुरुवार, 9 अक्तूबर 2014

वन्दे - मातरम

निश्चित जो आये परिणाम, खत्म करो अब युद्ध विराम,
शस्त्र की ऐसी बारिश कर दो, पाक नहीं अब मिले सिवान।

घुट-घुट कर जीना क्या जीना, तुरत मरें तो बनता काम,
रुक-रुक कर क्या गोलीबारी, टूट पड़ो अब पका है आम।

गैरों को सत्ता हम दे दें, गैर हमें ना करे प्रणाम,
"मौर्य" हमारी नीति नहीं ये, नियत से करते हम ये काम।
_________ ०९/१०/२०१४
*** अंगिरा प्रसाद मौर्या ***
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!!*!! वन्दे-मातरम !!*!!