शुक्रवार, 26 जून 2015

भारतीय इतिहास में सबसे सराहनीय कार्य, अच्छे दिन

मोदी सरकार में किसी के लिए भले ही अच्छे दिन न आये हों !

किन्तु मानवता के साक्षात्कार के दिन अवश्य आ गए हैं।

केन्द्रीय गृहमंत्रालय के नियमन द्वारा 158 पाकिस्तानी मनुष्यों(हिन्दुओं) को भारतीय नागरिकता मिली !
लगभग 4000 मानवों को दीर्घावधि वीजा भी दिया जा चुका है।

अब देखते हैं कि आदमी मनुष्यों पर कैसे अत्याचार कर पायेगा !

जिस दिन हम सब मानव एकत्रित होकर आदमियों(मुसलमानों) पर टूट पड़ेंगे तो इनको रास्ता भी नहीं मिलेगा !

भारतीय इतिहास में अबतक ये सबसे बड़ा कार्य हुआ है।

मैं भारत सरकार को नमन करता हूँ !

वंदे मातरम् !

सोमवार, 22 जून 2015

यथार्थ भारत स्थिति

वन्दे-मातरम् मित्रों !

हमारे देश के सीमा के सुरक्षाकर्मियों में आजतक कोई भी अरबपति नहीं बन पाया !
किन्तु भारत माँ के सपूत अभी भी सुरक्षा हेतु तत्पर हैं।
यह जानकर बहुत ही ख़ुशी होती है।
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किन्तु दुःख तो तब होता है जब ,
वो कल का लौंडा विराट कोहली,धोनी जैसे लोग अरबपति हो जाते हैं। जबकि ये लोग कई बार देश की नाक कटा देते हैं।

वो कल के सलमान और साहरुख जैसे नचनिये इतने धनवान बना दिए जाते हैं कि न्यायालय खरीद सकते हैं।

मैं ये नहीं समझ पा रहा हूँ कि हमारे देश के सत्ताधारी लोग आखिर करना क्या चाहते हैं।

क्या युवाओं को क्रिकेटर और नचनिया बनने की प्रेरणा देना चाहते हैं ?
अथवा देश के सुरक्षाकर्मियों को नीचा दिखाना चाहते हैं ?

रविवार, 21 जून 2015

प्रथम विश्व-योग दिवस

कुछ चूतिये प्रधानमंत्री जी पर इस प्रकार आरोप लगा रहे हैं मानों बीजेपी वालों ने उनकी बहन ही भगा ली हो !

कल से ही बार बार देख रहा हूँ कि प्रधानमंत्री जी ने तिरंगे से मुँह पोछकर बहुत अपराध किया !

अरे तुच्छो !
हर तिरंगा हमारा राष्ट्रीयध्वज नहीं हो जायेगा !
राष्ट्रध्वज की अपनी एक पहचान है ।
ध्वज के मध्य में अशोकचक्र है जिसमेँ चौबीस तीलियाँ हैं।
राष्ट्रध्वज का अपना नियत आकार है।

अरे सोनिया पुत्रों और केजरी भक्तों !
कभी मिसेज सोनिया के काफिले पर भी ध्यान दिया करो ! उनकी पार्टी वाले तो अशोकचक्र की जगह पंजा छाप कर वर्षों से तिरंगे से मुँह पोछते आये हैं।

सोमवार, 1 जून 2015

धिक्कार है दिल्ली में बैठी सरकार पर

साहरुख खान पहले जोश फ़िल्म में ऐश्वर्या का सगा भाई था,
बाद में मोहब्बतें फ़िल्म में ऐश्वर्या का सगा प्रेमी !
छिः !!!!!!
यही है फ़िल्मी मर्यादा और संस्कार !

और सरकार चन्द पैसोँ की लालच में इसे वैधता प्रदान करती है।