शुक्रवार, 21 मार्च 2014

जय हिन्द


सब के सब यह जान गए हैं, भ्रष्टों का संहार यहाँ है,
राजा मोदी को है बनना, निति-नियम उपहार यहाँ है।

सबकी ही औकात बदल गयी, नमो का अस्त्र चला जाने से
हिन्द-सभ्यता जागेगी फिर, मोदी के ही आ जाने से।

बोली भाषण रूप न देखो, कर्मों का सत्कार यहाँ है,
धन-दौलत की उपमा ही क्या, जन-जन का धिक्कार जहाँ है।

तुम मोदी-चुनना नहीं चूकना, खुशियों का भरमार वहाँ है,
अदल-बदल में तुम न भटको, जन-जन को परहार जहाँ है।

यँह धरना करने से क्या होना, सुमति नहीं सरकार जहाँ है,
अन्ना धरना पर थे बैठे, उन पर भी सत्कार कहाँ है।
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~~~~~~~~~अंगिरा प्रसाद मौर्या
दिनाँक:- २०/०३/२०१४
~~~~~~~~~Angira Prasad Maurya

बुधवार, 19 मार्च 2014

चहु ओर तिरंगा फहराता मैं

कुछ और यहाँ पर कह जाता मैं
अपने मन की कर पाता मै
पाक कहीं हो चीन कहीं हो
चहु ओर तिरंगा फहराता मैं।

"मौर्य" यहाँ की रीत पुरानी,
सत्कार में बहता गंगा-पानी,
करतार भी हमरी नित गुन गाता,
कुछ चयन यहाँ पर कर पाता मैं।

उनको देखो जनहित जारी,
जेब है उनकी उससे भारी,
यँह करुण न करती भारत माता,
ऐसी निति-प्रखर आता मैं।

सपूत हिन्द क्या एकजुट होंगे,
जातिवाद के नित-नित दंगे,
निति यहाँ तब भ्रष्ट न होती,
ले बना कारवाँ चल पाता मैं।

उनको धन की कमी कहाँ है,
पूरा भारत देश जहाँ है,
एक दिन कुर्सी बदल जाएगी,
ना ऐसी शंका कर पता मै।
~~~~~~~~~अंगिरा प्रसाद मौर्या
दिनाँक:- १९/०३/२०१४
~~~~~~~~~APM
!!*!!जय हिन्द!!*!!
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है मोदी भारत-शान अब, सब मोदी से घबराँय।
भ्रष्टों की हुलिया अब ऐसी, सर्वत्र रहें चिल्लाँय।।
~~~~~~~~~APM

शुक्रवार, 7 मार्च 2014

जय हिन्द

!!*!!जय हिन्द!!*!!
मुफ्त में देंगे कहने को बस, बना सीढ़ियाँ चढ़ जाते हैं,
सत्ता आने पर फिर देखो, काल ही बन के मडराते हैं।

हमें मुफ्त का नहीं चाहिए, अभी मार्ग बस सही चाहिए,
हमे मुफ्त से क्या लेना है, मेहनत की जो हम खाते हैं।

कर्म-विमुख नहीं होना है अब, ना किसी सहारे सोना है अब,
"मौर्य" हमें उनसे क्या लेना, हैं आज यहाँ कल ढा जाते हैं।

दीन-हीन को कौन दुहाई, करते धनिकों की चटुआई,
असहाय जो हक़ की पाना चाहे, धनिक यहाँ पर गुर्राते हैं।

~~~~~~~~~अंगिरा प्रसाद मौर्या
दिनाँक:-०७/०३/२०१४
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दोहा:-

भ्रष्टाचार को देख के, अब मोदी हैं बौराय,
सहत-सहत नहीं अब सहे, लियो है अस्त्र उठाय।१।
~~~~~~~~~APM

कण-कण बोले मोदी मोदी, नमो है जब से आय।
भ्रष्ट वहाँ अब त्रस्त हैं, नमो जहाँ तक जाय।२।
~~~~~~~~~APM