शुक्रवार, 13 जून 2014

नीति

जो अनीति को भी नीति कहे उसे पाकिस्थान कहते
है .! जो चोट खा के भी प्यार करे उसे हिन्दुस्तान
कहते है.! पर ऐसा कब तक कहते जाओगे..!
जुल्मो को सहते जाओगे..! इस प्रिती को कहो पराई.!
अब नापाक 'पाक' को औकात दिखाने की बारी आई..!
निकल गया है सुरज ..! बिखर गई है आभा ..! उगते
सुरज से पायेँ उर्जा..! हो जायेँ तरोताजा..!!
(((((((((( सु-प्रभात )))))))))
******मित्रवर********
आपका दिवस मंगलमय हो ..

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