रविवार, 28 जनवरी 2018

चीन अमेरिका और भारत

#चीन #अमेरिका और #भारत :-

चीन के बालकों और युवाओं का उत्साह इसमें रहता है कि हम वैज्ञानिक बनें, हम उत्पादक बनें, हम बाहरी कंपनियों के शेयर खरीदें, बाहरी कंपनियों को ही खरीदें, बड़े व्यापारी बनें, बड़ी जहाजों का निर्माण करें जो कि अत्याधुनिक हो, हमारा देश विश्व का अद्वितीय देश बने इत्यादि।

अमेरिका के बालकों और युवाओं का उत्साह इसमें रहता है कि, हम वैज्ञानिक बनें, बन्दूखें बनाएं, मिसाइलें बनाएं, विशेष प्रकार के जहाजें बनाएं, दुनियाभर की सभी कंपनियों में शेयर खरीदें, ऐसी नई सुविधाओं का निर्माण करें जो कि जन जन की आवश्यकता बन जाये इत्यादि।

भारत के युवाओं की बात क्या करें, उन्हें तो बालपन में दिशा से भटका दिया जाता है, कोई गायक बनना चाहता है, कोई नचनियां बनना चाहता है, कोई आशिक बनना चाहता है तो कोई बेवफ़ा बन जाता है। और इसी प्रकार के विद्यालय और शिक्षक भी हमारे यहाँ अधिक संख्या में उपलब्ध हैं। जबतक इनलोगों को विश्व की स्थिति समझ में आती है तबतक देर हो चुकी होती है और वे कुछ भी करने लायक नहीं रहते, विवसता वस वो दो जून की रोटियाँ कमाने में लग जाते हैं और बुड्ढे हो जाते हैं। ये सब #कुप्रभाव केवल फिल्मों के कारण हैं। फ़िल्म हमारे देश को खोखला कर देंगे! फिर चाहे सत्ता किसी भी के हाथ में क्यूँ न हो!

दुनियाभर में सबसे बड़ा #फिल्मजगत हमारे भारत में ही है, किन्तु अभी चीन और पाकिस्तान से युद्ध छिड़ जाए तो ये फिल्मी कलाकार छुपने के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं कर पाएंगे।

भारत 75% पुरुषों और 95% महिलाओं को बंदूख चलाने नहीं आता है। जबकि विदेशों में ऐसा नहीं है।

अभी भी आपके पास समय है यदि आप युवा हैं, फिल्में देखना बन्द करें और लोगों को भी समझाएं। अपने जीतेजी ये देख लेंगे कि आप दुनियाँ के सबसे सम्पन्न और आधुनिक देश में रहते हैं, और यही समय की मांग है।

जय हिन्द !
जय श्री कृष्ण !

शनिवार, 20 जनवरी 2018

हमारा देश भारत और फिल्में

फिल्मों में मनोरंजन के नाम पर,
1. भ्रष्टाचार करने का तरीका बताया जाता है।
2. बलात्कार का प्रचार किया जाता है।
3. युवाओं के समय को रुपयों के साथ खरीद लिया जाता है।
4. सामाजिक और ऐतिहासिक चरित्रों से छेड़छाड़ किया जाता है।
5. समाचारों के बीच में फिल्मों से संबंधित फालतू समाचार आ जाता है।

फिर बहुत लोगों का कोई न कोई पसंदीदा फ़िल्म होता है और कोई न कोई अभिनेता अथवा अभिनेत्री आदर्श होती।

इतनी फिल्में बन चुकी हैं कि, 3 घंटे की फ़िल्म की वजह से एक दिन में ही हमारा देश 125करोड़×3= 375 करोड़ घन्टे की रफ्तार से पीछे जा रहा है।

ऐसे में अगर फिल्में बन रही और रिलीज हो रही हैं तो हमारा देश सुपर पावर बनने की कल्पना को कल्पना ही रखे, चीन को भी पीछे नहीं छोड़ पायेगा !

जय श्री कृष्ण
शुभ रात्रि