रविवार, 22 जून 2014

यूँ ही मस्त रहें हम

यूँ ही मस्त रहेँ हम, यूँ ही मुस्कुराते रहेँ हम..!पल
मेँ मिलती है खुशीयाँ, पल मेँ मिलते हैँ गम..! जिवन
की यही सच्चाई है..! इसे झुटला नहीँ सकते हम..!
इसीलिए जब तक है हममेँ दम..! तब तक
काँटो को भी लांध बढ़ते रहे हमारे कदम..!
खाली हाथ ही तो आये थे, साथ फिर क्या ले
जायेँगे..!गर नेकी की हो जिवन मेँ हमने,
तो दुनियाँ को मर कर भी हम याद आयेँगे..!ये
मानव तन मिला है बड़े ही जतन से, नेकी करते
करते गुजरे हम इस अमनो-ए-चमन से..!! यूँ ही मस्त रहेँ हम, यूँ ही मुस्कुराते रहेँ हम..!पल मेँ मिलती है खुशीयाँ, पल मेँ मिलते हैँ गम..!
---------->> मनीष कुमार गौतम "मनु"

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