गुरुवार, 19 जून 2014

****"मै" नहीँ" हम" *****


हमसे मिलकर सारा समाज बना है परन्तु हम जिन्दा है समाज के सहारे खुद के कारण नहीँ| यदि हमेँ जीवित रहना है तो हमेँ समाज को जीवित रखना होगा वर्ना मानव का पतन निश्चित है
~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"

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