रविवार, 31 अगस्त 2014

निर्धनता के प्रतिकार का एक ही मार्ग योगी

निर्धनता, जिसे उर्दू में गरीबी कहते हैं।

निर्धन व्यक्ति का कोई जाति धर्म नहीं होता। उसे अपनी आजीविका हेतु किसी का भी दास बनना पड़े स्वीकार्य है।

इसमें भी कई प्रकार के निर्धन होते हैं,
जैसे कोई तन से निर्धन, कोई धन से निर्धन तो कोई ज्ञान से निर्धन। इनमे से सभी अपने अपने परिस्थितियों का सामना आपने अपने आधार से करते हैं जिनमे सहयोगकर्ता का जातिगत निर्धारण नगण्य है।
*******
आज देखा जाय तो पूरा उत्तर प्रदेश निर्धनता के गड्ढे में गिर चुका है। और इसके कारण कथित धर्मनिरपेक्ष धनवान व्यक्ति ही हैं जिनका धर्म-पतन तो हो गया किन्तु साथ ही साथ लालच भी प्रवेश कर गया। इन लालची व्यक्तियों का लालच आज इतना तीव्र हो गया है कि पैसे के लिए यदि कोई कह दे कि अपना बाप बदल दो तो ये अपने बाप की भी अदला बदली कर लेंगे।

इन कथित धर्मनिरपेक्ष लालचियों ने यह प्रतिज्ञा कर रखा है कि किसी भी प्रकार से पूरे उत्तर प्रदेश को निर्धनता में परिवर्तित करेंगे। और तब सबको भिक्षा देते हुए हम धर्मों पर राजनीति करेंगे।

किन्तु ऐसा कदापि नहीं हो सकता। अभी भी बहुत से धर्मावलम्बी हैं जिनमे योगी आदित्य नाथ भी प्रमुख हैं। आजकल सेकुलरों के आँखों में योगी जी ज्यादा गड़ रहे हैं। योगी जी की धर्मनीति के आगे सेकुलरों की सेकुलरनीति मंद पड़ रही है।

ऐसे में सभी भाइयों बहनों से मेरा आग्रह है कि श्री योगी जी जो कुछ भी कह रहे हैं सब सत्य है। सत्य कड़वा भी होता है इसीलिए अधर्मियों के गले नहीं उतरेगा । और वह तबतक गले नहीं उतर सकता जबतक अधर्मियों का विनाश नहीं कर देता।
ये अधर्मी आपकी मन और बुद्धि को भटकने हेतु कुछ भी पहाड़ा पढ़ा सकते हैं, किन्तु आप भी ध्यान दें कि आप उनके विद्यार्थी नहीं हैं।

एक विशेष नारा, जो सभी सामाजिक नेटवर्कों पर धूम धाम से शेयर किया जाना चाहिए।

सेकुलर हटाओ, योगी लाओ!
सेकुलर हटाओ, योगी लाओ !
सेकुलर हटाओ, योगी लाओ !

भारतीय शुभचिन्तक - अंगिरा प्रसाद मौर्या।

Www.indiasebharat.blogspot.com
!!*!! जय हिन्द !!*!!
!!*!! जय हिन्दू !!*!!


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें