मंगलवार, 12 अगस्त 2014

स्वतंत्रता दिवस ।। १५ अगस्त ।।

१५ अगस्त १९४७ के दिन हम ब्रिटिश शासन के दमनकारी अभिव्यक्ति को कुचलने में सफल हुए थे, हमारा देश हमारे लिए ही छोड़ जाना अंग्रेजों की विवशता हो गई थी। इसीलिए इस दिन को समूचा देश स्वतंत्रता दिवस के रूप मनाता है और यहाँ रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति बलिदानियों के प्रति नतमस्तक होता है तथा स्वयं में गर्व की अनुभूति करता है।

इस क्रांति में तो कितने ही नौनिहालों एवं बदहालों ने खुशहाली हेतु आहुति दे दी। किन्तु नेतृत्वकर्ता और प्रथमों को ही प्रमुख माना जाता है। जैसे- सुभाषचन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद, सरदार भगतसिंह अनादि महत्त्वों ने पहले इस क्रांति को प्रचंड दिशा देते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी, अपनों की ख़ुशी हेतु बलिदान हो गए। उसके बाद ही गाँधी जी, नेहरू जी, बल्लभभाई पटेल अनादि तत्वों ने सत्य अहिंसा की लड़ाई लड़ी और भारत को पूर्ण स्वतंत्र कराने में सफल हुए।

केवल स्वतंत्रता दिवस मनाना ही नहीं अपितु इस स्वतंत्र भारत की दैनिक रक्षा भी हमारा कर्तव्य है। अपनी स्वतंत्रता को हम फिर कभी नहीं बिखरने देंगे ऐसा प्रत्येक भारतीय को दृढ़ प्रतिज्ञा लेना चाहिए और इसी प्रतिज्ञा के आशय एवं आधार पर ही १५अगस्त और २६ जनवरी का यह पर्व मनाया जाता है तथा भारत के प्रधानमंत्री भी यही वचन देते हुए अपने वक्तव्य एवं कर्तव्यों को संबोधित करते हैं।
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प्रतिज्ञा/पर्ण :-
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कर्त्य जहाँ में भले अलग हैं, धर्म हमारा एक रहेगा।
भारत माँ की रक्षा के प्रति, मर्म हमारा एक रहेगा।
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हिन्दू-मुस्लिम-सिक्ख-इसाई, वक्तव्य हमारा एक रहेगा।
भारत माँ के हम बच्चे हैं, कर्तव्य हमारा नेक रहेगा।
********* २
!!*!! भारत माता की जय !!*!!
    !!*!! वन्दे-मातरम् !!*!!
१५/०८/२०१४
                ~~~ अंगिरा प्रसाद मौर्या।
-:स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें :-
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