शनिवार, 26 जुलाई 2014

कारगिल युद्ध के बलिदानियों को कोटि-कोटि नमन !

२६ जुलाई १९९९ अर्थात आज के ही दिनांक में हमने कारगिल विजय प्राप्त कर ली थी। विजय दृढ़ विश्वाश से प्राप्त होता है। सेनाएँ अपने प्राणों की बलि चढ़ाने को तैयार थीं लेकिन पराजय उन्हें स्वीकार नहीं था। वे अपने दृढ़ विश्वास के साथ माँ भारती की रक्षा के लिए अंगारों में कूद पड़े। जय हिन्द की हुंकार करते हुए उन्होंने शत्रुओं को कुचल डाला। वन्दे-मातरम सुनते ही शत्रुओं के हाथ काँपने लगते थे। बहुत से वीरों ने माँ भारती एवं उनके अनन्य पुत्रों के हित हेतु स्वयं का बलिदान कर दिया।

वे वीर भी ऐसे वीर थे कि रक्त लपेटे हुए अंतिम साँस लेने तक वन्दे-मातरम कहते रहे। भारत माँ को सुरक्षित देख उन्हें अस्रु अथवा रोदन नहीं आया। वे हँसते-हँसते बलिदान को प्राप्त हो गए। ऐसे वीरों को स्मरण कर हमे नमन करना चाहिए और हृदय को प्रेरणा देते हुए उसे और भी कड़ा कर लेना चाहिए, भविष्य के लिए।
ऐसे वीरों की वीरगति पर किसी भी भारतीय को अस्रु पूरित अथवा रोना नहीं चाहिए, इससे वीरों का अपमान होता है। उन्होंने अपनी बलि हमे रोने के लिए नहीं हँसने के लिए दी है।

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वीरों तुम्हें नमन करता हूँ,
चेत तुम्हें ही गगन भरता हूँ,
बलि को नहीं सहन करता हूँ,
मार्ग तुम्हारे नित चलता हूँ।

राष्ट्र-पूज्य के अधिकारी तुम,
राष्ट्र-ध्वजा के सहकारी तुम,
तुम ही भारत अधिकारी हो,
अनुपस्थिति-रुदन करता हूँ।

तुमने हम को खुशी दिया है,
हम तुमको क्या दे पाएँगे,
और नहीं कुछ मेरे बस में,
तुम्हें सतत नमन करता हूँ।

फिर आओ तुम वो विश्वासी,
साथ चलें हम भारतवासी,
पाक औ चीन ख़तम करना है,
पुनः उपज दमन करना है।

हमे नहीं एक क्षण की चिंता,
भारत-हृदय हमे बनना है,
फिर आओ तुम वो विश्वासी,
पुनः उपज दमन करना है।

"मौर्य" तुम्हारे साथ चलेंगे,
पहले अपने प्राण तजेंगे,
ऋण पूरा हमको करना है,
भारत-हृदय हमे बनना है।

यादों का मैं खनन करता हूँ,
अपवादों का दहन करता हूँ,
हमें सुरक्षित करने वालों,
तुम्हें सतत नमन करता हूँ,

नहीं कलम रोता है मेरा,
गर्व सदा अनुभव करता है,
भारतवीर कथाएँ लिखकर,
"मौर्य" सदा हँसकर रहता है।

देखा जग में राज्य बहुत मैं,
भारत जैसा राज्य नहीं है,
देश को अपनी माता कहते,
कहीं पे ऐसा साज्य नहीं है।

तुम्हें हृदय में मैं रखता हूँ,
सबमे तुम्हें चयन करता हूँ,
भारत माँ के वो रखवालों,
तुम्हें सतत नमन करता हूँ।
२६/०७/२०१४
   ~~~~~~~~~ अंगिरा प्रसाद मौर्या ।

!!*!! जय हिन्द !!*!! जय भारत !!*!!

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