मंगलवार, 16 दिसंबर 2014

मुसलमान, इंसान और मानव

भारत में एक वर्ग है जिसे अल्पसंखयक अथवा मुसलमान कहते हैं। इसका सभी भारतीयों के साथ तनातनी होते रहता है। चाहे वो सिक्ख हों अथवा हिन्दू या फिर और कोई। ये अपने अपराधों को नजरअंदाज कभी नहीं करना चाहते हैं। इनका एक ही कहना होता है कि ये पाक हैं बाकी सब नापाक(अपराधी/अत्याचारी)। परंतु जहाँ जहाँ मुस्लिम बहुल क्षेत्र है वही संवेदनशील क्षेत्र के रूप में जाना जाता है।

बेंगलुरु से "मेहँदी मसरूर विश्वास" नाम का मुस्लिम व्यक्ति isis का समर्थक निकला उसके विषय में ये मुस्लिम धर्मगुरु चुप हो जाते हैं मानों उनको वो दिखाई ही नहीं दे रहा हो। यदि कोई इन धार्मिकों से पूँछ भी ले कि आपने फला-फला के ऊपर कोई टिपण्णी क्यों नहीं की ??? तो इनका मात्र एक ही उत्तर होता है कि कानून अपना काम करेगी। हम उसमे हस्तक्षेप नहीं करते।

और जब धर्मान्तरण वाली बात आती है अथवा लव-जिहाद जैसा तत्व सामने उभर कर आता है तब इन गुरुओं को दिखाई पड़ने लगता है । तुरंत ही मुसलमान के नाम पर इनका एक कौम(समुदाय) हो जाता है और पक्षपात करना प्रारम्भ हो जाता है। लेकिन सभी मुसलमान अपराधी नहीं हैं उनको गुमराह किया जाता है।

अभी अभी दो तीन दिन की बात है। सलीम नामक मुरादाबाद के एक मुस्लिम धर्मगुरु ने श्री प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को धमकी दे डाला। और उसकी धमकी है कि, "हम मुसलमान लोग किसी से डरते नहीं! अपनी सुरक्षा हेतु हम सस्त्र उठाने से कतरायेंगे नहीं। धर्मान्तरण पर रोक लगना चाहिए क्योंकि यह देश के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम देश के विरुद्ध जंग छेड़ेंगे।"

लो कर लो बात !!!!!!!!!
वे जो पेशावर में हमलावार और मुरीद हैं क्या वे मुसलमान नहीं ?????
वे जो इराक में खौंफ बनाये हुए हैं क्या वे मुसलमान नहीं !!!!!!!!
वे सभी मुसलमान हैं ये पूरा विश्व जानता है।
किन्तु यदि आपस में सौहार्द और प्रेममयी वातावरण बनाना है तो इनसब का धर्म-परिवर्तन आवश्यक हो गया है। अब इन्हें इंसानियत की नहीं अपितु मानवता के शिक्षा की आवश्यकता है। क्योंकि ये खुद को भी इंसान बताते हैं और जिसे धमकाते और मारते हैं उसे भी इंसान।
आजकल इंसान शब्द मेरे समझ से परे हो गया है! पता नहीं किसको सान कैसी सान और किसकी सान।

जबकि हिन्दू धर्म के अनुसार केवल दानवों का ही प्रतिकार किया जाता है मानवों का नहीं।

हमारा स्वतंत्र विचार यही है कि, "भारत सरकार यदि भारत को कुशल मंगल देखना चाहती है तो सभी दानवों का धर्म-परिवर्तन करना चाहिए। अन्यथा भारत, इराक में तब्दील हो जायेगा ! इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा।
अथवा
उत्तर प्रदेश की सरकार का अनुशरण केंद्र सरकार को करना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने उर्दू भाषा को द्वित्तीय श्रेणी दिया। इसी प्रकार केंद्र सरकार को भी गैर हिंदुओं को द्वित्तीय श्रेणी में भेज देना चाहिए।

हमने तो बहुत बड़ी समीक्षा की। किन्तु आप भी हमे अपने स्वतंत्र विचारों से परिचित करवाएँ /-
सादर /-

भारतीय शुभचिन्तक- अंगिरा प्रसाद मौर्या।

वन्दे-मातरम्
!!*!!
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