सोमवार, 20 जनवरी 2014

हमें FDI युक्त नहीं FDI मुक्त भारत चाहिए

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ममानानीय श्री मोदी जी के समर्थकों से विशेष अनुरोध एवं आग्रह है कि कृपया इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा संख्या में शेयर/share करें जिससे यह संदेश मोदी जी तक पहुँचाया जा सके।
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भारत में FDI जिसे गँवारा नहीं,
है ये भारत उसे भी प्यारा नहीं।

है FDI जिसे भारत में गँवारा,
वही है भारत न्यारा
उसी को हिन्द प्यारा।
~~~~~~~~~APM
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FDI:- भारत में विदेशी कंपनियों का या विदेशी पूँजी निवेश। अर्थात भारत में विदेशी कंपनियों का स्थापित्य एवं पूर्ण उद्योग लाइसेंस।
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हमारी श्री मोदी जी से विनती है कि वे भी राष्ट्रीय स्तर पर FDI को ना मंजूर करने की घोषणा करें। हमारा दावा है कि इस घोषणा के उपरांत उनको लोकसभा में अवश्य पूर्ण बहुमत प्राप्त होगा। और अपनी घोषणा पर खरा भी उतरें।
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विगत दो चार दिन पहले हमने सुर्ख़ियों में पढ़ा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने FDI को नामंजूरी दे दी और उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर हम केंद्र से भी बात कर लेंगे। इस समाचार को पढ़कर तो हमने केजरीवाल को दिल से धन्यवाद दिया और शाबासी भी।
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लेकिन दुःख इस बात का है की गरीबी से लेकर अमीरी के वहदे तक के अनुभवशाली एवं एक परिपक्व व्यक्ति श्री मोदी जी के बारे में लोग आजकल बहुत उल्टा-सुलटा लिखने लगे हैं। और मैं इसे सहन नहीं कर पा रहा हूँ। इसीलिए हमने खुलेतौर पर केजरीवाल जी को धन्यवाद भी ना दे पाया।
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हम आपको बताना चाहते हैं कि इतिहास गवाह है:-
ईस्ट-इंडिया थी एक कंपनी, जो नमक बेचने आयी थी।
भारतवासी के जन-जन को, छट्ठी का दूध याद करायी थी।।
~~~~~~~~~APM द्वारा 2012 में ही संकलित।

हमारा तात्पर्य यह है कि,"जब एक विदेशी कंपनी भारत में आयी थी"। वो भी नमक बेचने। तो उसके प्रभाव से भारत परतंत्र/गुलाम हो गया था। तो जब FDI के जरिये दो दर्जनों से भी ज्यादा कम्पनियाँ भारत में निवेश करेंगी फिर इस पहले से लुटे भारत की क्या हालत होगी। मैं यह कहना चाहता हूँ जब हमारी नित्य-योग्य प्रत्येक वस्तुएँ भी किसी मौल में सड़को गलियों की दुकानों से सस्ती बिकेंगी। तो कौन है इस महँगाई में जो स्वदेशी दुकानों से सामान खरीदेगा!
फलस्वरूप सभी भारतीय दूकानें या तो बंद हो जायेंगी या फिर उन्हें उस मौल का एक हिस्सा बना लिया जायेगा। तात्पर्य:- किसी भी तरह कुछ भी बिकेगा उसका लाभ/फायदा विदेशी कंपनियों को भी होगा। और जैसे ही उनकी निति पुर्णतः सफल हुई तुरंत उनके चीजों के भाव आसमान में उड़ रहे होंगे। हम गरीबों की तो बात ही छोड़ें मध्यम वर्ग के लोगों को भी रोटी चावल सही से नहीं नशीब हो पायेगा।
ऐसी हम कल्पना करते हैं अपने FDI युक्त भारत की।
……………यदि आप भी कोई विचार देना चाहते हैं तो अवश्य दें। और सहमत हैं तो FDI मुक्त भारत के लिए एक शेयर/share जरूर करें।……………

और अब अंत में हम पूर्ण रूपेण कहते हैं कि जो राष्ट्रीय स्तर पर FDI को नामंजूर करेगा।
हम अपने दिनचर्या के बचे-खुचे समय में से उसी का प्रचार प्रसार करेंगे। उसी को समर्थन देंगे अपनी प्रत्येक बातों के जरिये।
!!*!!जय हिन्द!!*!!
!!*!!जय भारत!!*!!
…………………APM…………………

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