बुधवार, 1 जनवरी 2014

भ्रष्ट भारत की मै इक झलक लिख रहा हूँ। फरियाद में अपनी मैं "जय हिन्द" से अलख लिख रहा हूँ।।~~~~~~~~~APM

नियम और सिद्धांत भी भ्रष्ट हैं इनके,
करूँ मैं किससे तुलना इनकी,
करूँ मैं कितनी व्याख्या इनकी,
समर्थन भी उन्हीं को है,भ्रष्ट हैं रिश्तेदार जिनके।

मैं अपने एक सफ़र में बीती कुछ घटनाओं को लिख रहा हूँ।
लगभग 4 साल पहले मैंने सामान्य डिब्बे(general bogi/ चालू बोगी) में यात्रा की थी। फिर इसी बीच 26 दिसम्बर को मुझे एक बार फिर मौका मिला इस डिब्बे में सफ़र करने को, मैंने CST से रायपुर तक की टिकिट ली। प्लेटफार्म नंबर पांच पर,  मुंबई से कोलकाता जाने वाली ट्रेन की सीट के लिए लाइन में खड़ा हो गया। मैं लगभग 50 व्यक्तियों से पीछे था।

मेरे बाद और भी व्यक्ति लाइन में आये।
कुछ समय बाद ट्रेन आ गयी। और कोई भी व्यक्ति दादागिरी ना करने पाए इसलिए चार वर्दी वाले भी आ गए।

अब व्यक्ति की दादागिरी करने की इतनी हिम्मत कहाँ। लेकिन वर्दी वाले खुद दादागिरी करके सीट के सौदागर बन जाते हैं।  लाइन में आकर उन्होंने कई व्यक्तियों को पूछा सीट चाहिए तो जाकर सबसे आगे बेंच पर बैठो।

कुछ तो लाइन में से गए और कुछ की पहले से आदत थी ओ लाइन में खड़े ही नहीं हुए थे।
लाइन वाले व्यक्तियों को उन वर्दी वालों ने पहले गेट पर खड़ा कर दिया। और जिनको बेंच पर बैठाये थे उनसे चंद 100₹/50₹ लिए थे, तो उनको दूसरे गेट को खोल करके पहले घुसा दिया। दो मिनट बाद एक वर्दी वाला जाता है और जाँच करके आता है कि सबलोग सकुशल बैठ गए या नहीं। फिर लाइन वालों के लिए गेट खुलता है। और उनके चार घंटे की लाइन लगाने पर पानी फिर जाती है।

अब ट्रेन 08:35pm की थी तो किन्ही कारणों वस वह 08:45 पर छूटी।
यह बोगी इगतपुरी तक पहुचते पहुचते पूरी फुल इस तरह हो चुकी थी कि लगभग 180 सीट होते हैं और 550-600 के आसपास लोग उसमे सवार थे।
फिर उसमे सवार हो लेता है एक किन्नर(छक्का) अब वह सबसे 10 रूपये डांट के लेता और जो नहीं देता उसे थप्पड़ भी मार देता क्योंकि वह दारासिंह जैसा मजबूत भी था।जो सोया रहता उसे नुकीली सुई से कोंच जगा के गाली देकर माँगता।
वह एक ट्रेन की एक बोगी में से 5000-6000 लेकर जाता है। और ट्रेन में लगभग चार बोगी ऐसे होते हैं।
मैंने रायपुर पहुँचते पहुँचते ऐसी लूट चार बार देखी उसी सामान्य डिब्बे में।।

अब कुछ प्रश्न:-

1) क्या इसीलिए सरकारी ऑफिसरों के लिए रेलवे टिकिट की छूट है कि भर्ष्टाचार का बगावत करने वाला कोई न मिले और आम जनता का जमकर शोषण किया जा सके????

2) हवाई जहाज में छक्के क्यूँ नहीं मांगने जाते?

3) AC बोगी में क्यूँ नहीं छक्के क्यूँ नहीं जाते?

4) स्लीपर में छक्के जबरजस्ती क्यूँ नहीं करते? (क्योंकि उनकी मिलीभगत नहीं होती)

5) क्या आम आदमियों की बोगियों में छक्को और लुटेरों को घुसने से प्रसाशन को रोक नहीं लगाना चाहिए?

6)क्या ये कोई कालाबाजारी या आम जनता का शोषण कर धन एकत्र करने का षड्यंत्र है??

कृपया इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें,जिससे आपकी आवाज उनके कानों तक पहुँच सके। जो देख नहीं सकते परन्तु किसी बहुत बड़ी भीड़ की आवाज तुरंत सुन जाते हैं।
!!*!!जय हिन्द!!*!!~~!!*!!जय भारत!!*!!

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