रविवार, 5 जनवरी 2014

आज की कृति "आप" के नाम

हिन्द की नैतिक झलक लिख रहा हूँ,
मैं "जय हिन्द" अपनी अलख लिख रहा हूँ।।

मिट्टी में मिल अब साँप जाएगी ।
जब ध्वज लहराते "आप" आएगी।।

अब शान निशान में बदल जायेगा।
अब हर किसान भी चमन पायेगा।।

है लोकसभा मत दूर नहीं अब।
"आप" यहाँ मजबूर नहीं अब।।

नव-भारत के सपने "आप" दिखाया।
खुद को दिल्ली में आजमाया।।

इस बारे में है क्या राय आपका।
बेसक बतलाएं न्याय आपका।।

है सर्वेक्षण हिन्द का, तुम हृदय टटोलो।
मुद्दा है भारत-वृन्द का, तुम खुलकर बोलो।।

तुम अपना अनुभव कहते जाओ।
नाते-रिश्ते में ना बहके जाओ।।

है कलम "मौर्य" की चलती ही यूँ है।
आखिर निति कुनीति निकलती ही क्यूँ है।।
~~~~~~~~~APM
दिनाँक:- ०५/०१/२०१४
……………………………………………………………
           अंगिरा प्रसाद मौर्या
……………………………………………………………
!!**!!जय हिन्द!!**!!~!!**!!जय भारत!!**!!
……………………………………………………………

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें