रविवार, 20 दिसंबर 2015

कुछ अविष्कारों का विश्लेषण

ऐसे अविष्कार जो भारत में नहीं हुए :-

१. सीसे वाला लालटेन, यदि अंधेरी रात तथा तूफान दोनों एक साथ आये तो यह लालटेन बहुत उपयोगी है,

२. बल्ब, यदि आपके पास विद्युत हो तो बल्ब आपके लिये बहुत ही उपयोगी है।

३. रेल(ट्रेन), आज अधिकांस देशों के लिए यह विकास की एक परिपाटी है।

४. दूरसंचार उपकरण एवं उनका क्रियान्वयन, यह ऐसा अविष्कार है जिस पर आज संसार का प्रत्येक व्यक्ति निर्भर है।

५. सबसे शक्तिशाली और सबसे तेज गति से चलने वाले रक्षात्मक शस्त्र, आज ये चीजें उन्ही के पास हैं जिन्होंने इनकी आवश्यकता समझी और पहले बनाया।

भारत के अविष्कार :-

१. नाचना, यह ऐसा अविष्कार है जिसके लिए भारत में सबसे अधिक खर्च किए जाते हैं किन्तु इसके बिना कोई भी व्यक्ति अपना जीवन सुचारू रूप से चला सकता है।

२. परम्पराओं के विरुद्ध नंगे हो जाने को कलाकारी का भ्रम अविष्कार, यह एक ऐसा अविष्कार है जिसके लिए हमारे यहाँ के न्यायालय भी व्यभिचार की परिभाषा बदल चुके हैं।

३. नीतियों एवं नैतिकता के विरुद्ध फ़िल्म बनाकर प्रचार, भारत के लिए यह अविष्कार सबसे अधिक विनाशकारी सिद्ध हुआ। मजे की बात यह है कि इसके बिना भी किसी के जीवन में कोई फर्क नहीं पड़ता।

४. फिल्मी लोगों के मीडिया कवरेज का अविष्कार, यह एक ऐसा अविष्कार है जिसके चलते भारतीय युवा महापुरुषों के बजाय नृत्यपुरुषों को अपना आदर्श मानते हैं।

५. नकल अविष्कार, यह एक ऐसा अविष्कार है जिसके लिए भारत को नक्कालों का देश भी कहा जाता है। क्योंकि भारत में विकसित कुछ भी हो रहा हो किन्तु सूत्र तो विदेशी ही अपनाये जाते हैं।

निष्कर्ष:- भारत में जितने रूपये उल-जुलूल कामों में लगा दिए जाते है यदि वही रूपये सैद्धांतिक रूप से उपयोग किये जाते तो आज कपड़े के बटन-चैन विदेशों से न खरीदने पड़ते।

अर्थात:- भारत में जितना पैसा अनर्गल फिल्मो में खर्च करके फिर भारत की जनता से उसके कई गुना पैसे वसूलने और युवाओं के समय को व्यर्थ करने के जगह यदि यह धन और समय रक्षा संबंधित हथियार बनाने में लगाये जाँय तो भारत सबसे शक्तिशाली भी होगा और धनवान भी।

युवाओं के समय भी व्यर्थ नहीं होंगे और हथियारों के निर्यात पर ब्याज सहित लाभ भी मिलेगा।

भारत माता की जय
अंगिरा प्रसाद मौर्य एक राष्ट्रभक्त।

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