शनिवार, 24 मई 2014

जय हिन्द


हमारे भारत की संस्कृति :-
गौ सेवा से जानी जाती है
परोपकार से जानी जाती है,
लज्जा/इज्जत/सम्मान से जानी जाती है,
योगपूर्णता से जानी जाती है।
दैविक सक्तियों के उपज से जानी जाती है,
"
परन्तु:-
गौ भक्षण से कदापि नहीं,
मन्सो के बाजार में वृद्धि से कदापि नहीं,
बेइज्जती/नग्न होकर चलने से कदापि नहीं,
समलैंगिगता को हरी झंडी दिखाने से कदापि नहीं,
लाचारी से कदापि नहीं।
"
इसलिए सत्ता छीनना बहुत जरूरी था।
जिस तरह प्राचीन काल में क्षत्रिय होने के नाते एक राजा होने का अधिकार होता था,
ठीक उसी तरह एक भारतवासी होने के नाते भारत माता की छिनती  इज्ज़त आबरू (भारतीय संस्कृति) को बचाने के लिए प्रत्येक का कर्तव्य एवं धर्म हो जाता है।
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मोदी जी ने नवाज शरीफ को अपने अनुसार न्योता दिया है, वे भारत-हृदय हैं, इसलिए भारत-विरोधियों से पूंछ कर नहीं अपितु अपनी संस्कृति अनुसार और भारतीयों से समझ कर फैसला करने में पूर्ण स्वतंत्र हैं।

इसे पढ़ने वाले एक बार जय हिन्द अवश्य लिखें।
*******जय हिन्द JAY HIND

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