हमारे देश में फिल्म और फिल्मवालों को इतना सम्मान दिया जाता है कि न जाने कितने युवाओं के मन में हीरो-हीरोइन बनने के सपने बैठ जाते हैं।
परिणाम यह होता है कि लड़कों को कोई रोल मिला तो मिला नहीं तो जीवन भर फिल्मसिटी का चक्कर काटते रह जाते हैं।
और न जाने कितनी लड़कियों को दिलासा देकर उनका शोषण किया जाता है।
पता नहीं हमारे देशवासियों को कब समझ आएगा ये सब !
परिणाम यह होता है कि लड़कों को कोई रोल मिला तो मिला नहीं तो जीवन भर फिल्मसिटी का चक्कर काटते रह जाते हैं।
और न जाने कितनी लड़कियों को दिलासा देकर उनका शोषण किया जाता है।
पता नहीं हमारे देशवासियों को कब समझ आएगा ये सब !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें