बुधवार, 19 मार्च 2014

चहु ओर तिरंगा फहराता मैं

कुछ और यहाँ पर कह जाता मैं
अपने मन की कर पाता मै
पाक कहीं हो चीन कहीं हो
चहु ओर तिरंगा फहराता मैं।

"मौर्य" यहाँ की रीत पुरानी,
सत्कार में बहता गंगा-पानी,
करतार भी हमरी नित गुन गाता,
कुछ चयन यहाँ पर कर पाता मैं।

उनको देखो जनहित जारी,
जेब है उनकी उससे भारी,
यँह करुण न करती भारत माता,
ऐसी निति-प्रखर आता मैं।

सपूत हिन्द क्या एकजुट होंगे,
जातिवाद के नित-नित दंगे,
निति यहाँ तब भ्रष्ट न होती,
ले बना कारवाँ चल पाता मैं।

उनको धन की कमी कहाँ है,
पूरा भारत देश जहाँ है,
एक दिन कुर्सी बदल जाएगी,
ना ऐसी शंका कर पता मै।
~~~~~~~~~अंगिरा प्रसाद मौर्या
दिनाँक:- १९/०३/२०१४
~~~~~~~~~APM
!!*!!जय हिन्द!!*!!
*******
है मोदी भारत-शान अब, सब मोदी से घबराँय।
भ्रष्टों की हुलिया अब ऐसी, सर्वत्र रहें चिल्लाँय।।
~~~~~~~~~APM

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें